📰 मध्य प्रदेश ई-उपार्जन घोटाला 2025: करोड़ों की धान खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला
📅 वर्ष 2025 में ई-उपार्जन प्रणाली पर गंभीर सवाल
मध्य प्रदेश में वर्ष 2025 का ई-उपार्जन घोटाला राज्य की कृषि उपज खरीद प्रणाली की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से धान की खरीदी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
🔍 घोटाले का खुलासा
- जांच एजेंसी: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW)
- प्रभावित क्षेत्र: 12 जिले, 150 उपार्जन समितियाँ, 140 वेयरहाउस
- हेराफेरी राशि: ₹5 करोड़ से अधिक
- विशेष उदाहरण: सतना के कनक वेयरहाउस में 535 क्विंटल धान की जगह भूसी पाई गई
🧾 ई-उपार्जन पोर्टल का उद्देश्य
- किसानों से MSP पर उपज खरीदना
- बिचौलियों की भूमिका खत्म करना
- किसानों को पारदर्शी और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना
⚖️ कानूनी कार्रवाई और FIR
- जिले: जबलपुर समेत 8 जिले
- FIR की संख्या: 38
- आरोपित: 145 व्यक्ति (समिति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस संचालक, राइस मिल मालिक)
- विशेष मामला: शकुंतला देवी राइस मिल (सिवनी) - मालिक आशीष अग्रवाल पर BNS की धारा 316(5) के तहत मामला
📥 EOW रिपोर्ट और FIR कैसे प्राप्त करें?
- EOW की वेबसाइट पर जाएँ
- जिले या केस नंबर से FIR खोजें
- RTI आवेदन द्वारा रिपोर्ट की मांग करें
- स्थानीय EOW कार्यालय से संपर्क करें
📍 जबलपुर जिले में हुए प्रमुख घोटाले
1. ₹30 करोड़ का धान परिवहन घोटाला
13,000 मीट्रिक टन धान का फर्जीवाड़ा; फर्जी वाहन दर्शाए गए; 74 लोगों पर FIR
2. ₹66 लाख का धान गायब (अरनवी वेयरहाउस 52, सिहोरा)
प्रभारी प्रिंस उपाध्याय और संचालक प्रियंका सोनी पर मामला दर्ज
3. गेहूं मिलावट (माँ रेवा वेयरहाउस)
मिट्टी और पत्थर मिलाकर सरकार को बेचा गया; संचालक नितेश पटेल और शीला बाई पर मामला
🏢 प्रमुख सहकारी समितियाँ और वेयरहाउस
नाम | स्थान | प्रमुख घोटाला |
---|---|---|
बुढ़ागर लार्ज PACS | सिहोरा | 2,861.15 क्विंटल धान गायब |
माँ रेवा वेयरहाउस | कंकर्डेही | 70–75% गेहूं में मिलावट |
शिवांशी वेयरहाउस | पटपरा बेरला | गेहूं खरीदी में अनियमितता |
👤 प्रमुख आरोपी व्यक्तियों की सूची
नाम | पद | आरोप | स्थिति |
---|---|---|---|
दिलीप किरार | प्रभारी जिला प्रबंधक, MPSCSC | मुख्य आरोपी | फरार, ₹10,000 इनाम |
प्रिंस उपाध्याय | केंद्र प्रभारी | धान गबन | FIR दर्ज |
प्रियंका सोनी | संचालक | धान गबन | FIR दर्ज |
नितेश पटेल | संचालक | गेहूं मिलावट | FIR दर्ज |
शीला बाई कुशवाहा | खरीदी प्रभारी | मिलावट में सह-अभियुक्त | FIR दर्ज |
💰 इनाम की घोषणा
₹10,000 इनाम: दिलीप गुप्ता, अनिल अवतानी, संजय जैन, अमन छाबड़ा, सुमित कोरी आदि
₹5,000 इनाम: सुबोध शर्मा, अनिल पटेल, अनूप गोयल, प्रवीण सावनी आदि
⚖️ लागू धाराएं
- भारतीय न्याय संहिता: धारा 318(2), 318(4), 316(5), 61(2)
- आवश्यक वस्तु अधिनियम: धारा 3 और 7
🚨 निष्कर्ष: क्या पारदर्शिता संभव है?
यह घोटाला दर्शाता है कि डिजिटल व्यवस्था भी यदि निगरानी और पारदर्शिता से वंचित हो, तो भ्रष्टाचार संभव है। प्रदेशभर में ऐसे मामलों की जांच जरूरी है।
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