Google Willow Quantum Chip – क्वांटम कंप्यूटिंग का नया युग
1. परिचय – Willow क्या है?
Google Quantum AI टीम ने दिसंबर 2024 में Willow नाम की नई Quantum Chip पेश की। यह 105-क्यूबिट्स वाला सुपरकंडक्टिंग क्वांटम प्रोसेसर है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग की दो सबसे बड़ी चुनौतियों – गति और त्रुटि नियंत्रण – को हल करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
2. क्यूबिट्स क्या होते हैं?
पारंपरिक कंप्यूटर में डेटा को बिट्स (0 या 1) में स्टोर किया जाता है, जबकि क्वांटम कंप्यूटर में डेटा क्यूबिट्स में स्टोर होता है, जो एक ही समय में 0 और 1 दोनों स्थिति में रह सकते हैं (Quantum Superposition)।
3. Willow की मुख्य उपलब्धियाँ
A. Error-Correction में क्रांति
Willow ने पहला ऐसा सिस्टम बनाया है, जहां क्यूबिट्स की संख्या बढ़ने पर त्रुटियाँ घटती जाती हैं। पहली बार Logical Qubit की त्रुटि दर Physical Qubit से कम हो गई है।
B. रफ्तार में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
Willow ने एक Benchmark टेस्ट (Random Circuit Sampling) को सिर्फ 5 मिनट में पूरा किया, जबकि वही काम सुपरकंप्यूटर को करने में 10 सेप्टिलियन साल लगते।
4. Willow कैसे काम करता है?
चरण | विवरण |
---|---|
1 | सुपरकंडक्टिंग सर्किट्स – चिप को लगभग शून्य तापमान पर रखा जाता है ताकि बिजली बिना रुकावट बहे। |
2 | क्वांटम गेट्स – क्यूबिट्स के बीच डेटा प्रोसेस करने के लिए विशेष ऑपरेशंस। |
3 | एरर-करैक्शन कोड्स – कई फिजिकल क्यूबिट्स को जोड़कर एक लॉजिकल क्यूबिट बनाना। |
4 | रीडआउट सिस्टम – क्यूबिट्स की स्थिति मापकर पारंपरिक कंप्यूटर में भेजना। |
5. यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
- विश्वसनीयता – लंबे समय तक और बड़े-स्तर पर सटीक परिणाम।
- तेज समस्या समाधान – दवा निर्माण, ऊर्जा ऑप्टिमाइजेशन, मौसम पूर्वानुमान।
- भविष्य की नींव – 1 मिलियन+ क्यूबिट्स वाले कंप्यूटर का रास्ता।
6. चुनौतियाँ अभी बाकी
त्रुटि दर अभी भी 0.14% है जबकि लक्ष्य 10^-6 है। वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर टेस्ट बाकी है, और क्वांटम कंप्यूटर का आकार व लागत बड़ी चुनौतियाँ हैं।
7. भविष्य में असर
- दवा और वैक्सीन विकास
- नई बैटरी डिज़ाइन
- AI ट्रेनिंग में तेजी
- क्रिप्टोग्राफी पर असर
8. निष्कर्ष
Google Willow Quantum Chip ने क्वांटम कंप्यूटिंग को एक नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है। यह सुपरकंप्यूटर से भी तेज़ प्रदर्शन और बेहतर त्रुटि नियंत्रण प्रदान करती है। आने वाले समय में यह विज्ञान, तकनीक और उद्योग जगत में क्रांति ला सकती है।
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