युवा स्वाभिमान योजना
नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मध्य प्रदेश शासन
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार म.प्र. के शहरी क्षेत्रों की कुल जनसंख्या लगभग 2.00 करोड़ है जो कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 28 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्र में निवासरत् 21-30 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले युवाओं की जनसंख्या लगभग 17 प्रतिशत है। इस आयु वर्ग में से 17 प्रतिशत रोजगार पाने के आकांक्षी है।
इस अनुपात में वर्ष 2019 की स्थिति में रोजगार पाने के आकांक्षी युवाओं की यह संख्या 6.50 लाख होना संभावित है। प्रदेश के इन 6.50 लाख युवाओं को आने वाले समय में आत्मनिर्भर बनाने के लिये व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाना आवश्यक है।
साथ ही कल्याणकारी राज्य का यह नैतिक दायित्व बनता है कि जीवन-यापन की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्ष में एक निर्धारित अवधि तक इन महत्वकांक्षी युवाओं को सार्थक रोजगार के अवसर प्रदान किए जाए। प्रस्तावित युवा स्वाभिमान योजना के द्वारा इस दोहरे उद्देश्य – यथा दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता हेतु व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण एवं जीवन यापन की तात्कालिक आवश्यकता हेतु वर्ष में एक निश्चित अवधि तक रोजगार प्रदान करना, को साधने का प्रयास किया जा रहा है।
योजना का उद्देश्य तथा पात्रता
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय निकायों में निवासरत् 21-30 वर्ष की आयु वर्ग के बेरोजगार युवाओं को एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाना है तथा उनकी रूचि अनुसार ऐसे क्षेत्र (Trade) में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है जिससे भविष्य में उन्हें स्थाई रोजगार प्राप्त हो सकें। योजना में पात्रता हेतु परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2.00 लाख रूपये से कम होना चाहिए।
योजना का स्वरूप तथा क्रियान्वयन
- योजना के अंतर्गत पात्र युवाओं को एक वर्ष में 100 दिवस के लिए, 4,000/- रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड (Stipend) पर नगरीय निकायों में अस्थाई रोजगार प्रदान किया जाएगा।
- योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित नगरीय निकाय (यथा नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद्) नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य करेगी।
- नगरीय निकाय में पंजीयन के दौरान प्रत्येक पात्र युवा से दो तरह के विकल्प लिए जाएंगे (i) निकाय द्वारा चिन्हांकित कार्यो में से कार्य हेतु विकल्प, जैसे – सम्पत्ति कर की वसूली, जल कर की वसूली, सम्पत्ति कर हेतु सर्वे, निर्माण कार्यो में श्रमिक के रूप में कार्य (ii) कौशल प्रशिक्षण हेतु क्षेत्र (Trade) का चयन जिसमें करियर बनाने की रूचि हो।
- पात्र युवक/युवती को जो कार्य सौंपा जाएगा, प्रथम 10 दिवस में निकाय द्वारा उस कार्य को सुचारू रूप से करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा अगले 90 दिवस में युवक/युवती द्वारा कार्य संपादित किया जाएगा।
- कार्य के समय के अलावा, प्रात: कालीन अथवा सायंकाल के घण्टो में, चयनित क्षेत्र में कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए नोडल विभाग कौशल विकास विभाग होगा।
- किए गए कार्य का भुगतान, 4,000/- रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड (Stipend) के मान से, प्रत्येक माह के अंत में युवक/युवती के बैंक खाते में किया जाएगा। कार्य की अवधि एक माह से कम होने पर सामानुपातिक दर से भुगतान किया जाएगा।
योजना का परिचालन
प्रक्रिया-
- पात्र अभ्यर्थी युवा पोर्टल www.yuvaswabhimaan.mp.gov.in पर पंजीयन कर अभिस्वीकृति-पत्र का प्रिन्ट आउट प्राप्त करेंगे। पोर्टल द्वारा उन्हें ‘पहले-आओ, पहले-पाओ‘ FCFS (First Come First Serve) आधारित कार्य आवंटन तथा चयनित नगरीय निकाय पर प्रत्यक्ष रूप से उनकी ऑनबोर्डिंग की जायेगी जिसकी पूर्व सूचना उन्हें उनके मोबाईल पर SMS एवं मोबाईल एप पर दी जायेगी। ऑनबोर्डिंग के समय नगरीय निकाय के नोडल अधिकरी उनका आधार-आधारित-सत्यापन (e-KYC) करेगें तथा निकाय स्तरीय दस दिवसीय प्रशिक्षण संचालित करेंगे।
- इसके पश्चात 90 दिवस तक 4 घंटे नगरीय द्वारा आंवटित विहित कार्य में नियोजन एवं 4 घंटे कौशल एवं तकनीकी विकास हेतु प्रषिक्षण दिया जायेगा जिसमे न्यूनतम उपस्थिति होने पर ही अभ्यर्थी को कृत कार्य के समानुपातिक भुगतान की आर्हता होगी। यह न्यूनतम उपस्थिति कार्य में 33% एवं प्रशिक्षण में 70% होगी। उक्त दिवसो से आशय केवल कार्य-दिवस है। भुगतान की समस्त सूचनाएं अभ्यर्थी को SMS आदि से सतत प्रेषित की जायेगीं-जैसे कि बैंक खाते के आधार से लिंक न होने की दशा में उसे यथाशीघ्र विधिवत लिंक करवाने की सूचना इत्यादि |
पंजीयन-
अभ्यर्थी द्वारा www.yuvaswabhimaan.mp.gov.in से किया जाकर अभिस्वीकृति पत्र का प्रिन्ट आउट प्राप्त किया जायेगा, जिसके विवरण अंतिम/स्वपोषण आधारित होंगे। और ऑनबोर्डिंग के समय आधार सत्यापन के अधीन होगे। पंजीयन में अभ्यर्थी को अपनी पंसद के तीन नगरीय निकाय, तीन कार्य एंव तीन कौशल प्रशिक्षण ट्रेड प्राथमिकता क्रम में चयन करने के विकल्प उपलब्ध होंगे। पंजीयन योजना प्रारम्भ के बाद कभी भी किया जा सकता है। पंजीयन के समय अभ्यर्थी द्वारा निवास, आय एवं मनरेगा जॉब कार्ड धारी न होने का स्वप्रमाणन किया जायेगा। कार्य आंवटन- राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी द्वारा अभ्यर्थी को वाछिंत नगरीय निकाय पर कार्य आंबटन को पोर्टल के माध्यम से पहले-आओ, पहले-पाओ के आधार पर किया जायेगा। प्रत्येक नगरीय निकाय ऐसे कार्यो की सूची तैयार करेगा जो निर्माण कार्य अथवा सेवा से जुड़े हो और जहां अस्थाई रोजगार की संभावनाएं है। ऐसे कार्य मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास कार्यक्रम, अमृत योजना के तहत स्वीकृत कार्य अथवा नागरिक सेवाएं जैसे जलकर अथवा संपत्ति कर की वसूली/सर्वे आदि हो सकते है। इन विहित कार्यो की सूची नगरीय निकाय के पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी। ।
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ऑनबोर्डिंग –
निकाय के नोडल अधिकारी पोर्टल पर अभ्यार्थियों की ऑनबोर्डिंग, आधार आधारित बायोमेट्रिक e-KYC द्वारा करेगे और अभ्यर्थी को एक सुपरवाइजर से मैप करेगे। इस कार्य के लिये प्रत्येक निकाय पर आवश्यकतानुसार बायोमेट्रिक आधार मशीन क्रय की जायेगी। उसी समय पोर्टल अभ्यर्थी को यथासंभव उसकी पसंद के अनुसार कौशल प्रशिक्षण ट्रेड आवांटित करेगा। और अभ्यर्थी, सुपरवाइजर एंव कौशल प्रशिक्षण केन्द्र को यथा आवश्यक सूचना SMS प्रेषित करेगा। निकाय स्तरीय विहित कार्य प्रशिक्षण- निकाय के नोडल अधिकारी सुपरवाइजरों के माध्यम से 10 दिवसीय (8 घंटे प्रतिदिन) निकाय स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन करेंगे। यह प्रशिक्षण अभ्यर्थी को उसी विहित कार्य में दिया जायेगा जो कार्य शेष 90 दिवस उसे निकाय में प्रतिदिन 4 घंटे सम्पादित करना है।
विहित कार्य सम्पादन एवं कौशल प्रशिक्षण –
निकाय पर 10 दिवस के प्रशिक्षण के उपरान्त अभ्यर्थी द्वारा 90 कार्य दिवस तक प्रतिदिन 4 घंटे विहित कार्य एवं 4 घंटे कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त किया जायेगा कौशल प्रशिक्षण का कार्य म. प्र. रोजगार निमार्ण एवं कौशल विकास बोर्ड के तत्वाधान में ट्रेनिंग सर्विस प्रोवाइडर द्वारा मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना या प्रधान मंत्री कौशल संवर्द्धन योजना के पोर्टल्स के माध्यम से प्रारंभ कर 90 कार्य दिवसो तक उसके कार्य घंटो के बाहर सामान्यतः प्रातः अथवा संध्या में दिया जायेगा।
स्टाइपेंण्ड भुगतान एवं उपस्थिति-
उपस्थिति दर्ज करने का दायित्व निकाय मे सुपरवाइजर एवं कौशल प्रशिक्षण केन्द्र पर टेनिंग सर्विस प्रोवाइडर का होगा।
न्यूनतम उपस्थिति -
कार्य में 33% एवं प्रशिक्षण में 70% न्यूनतम में उपस्थिति होने पर ही अभ्यर्थी स्टाइपेण्ड भुगतान हेतु अर्ह/पात्र होगा। इस प्रकार पात्र होने के पश्चात् नगर निकाय में कृत दिवसो के विरूद्ध समानुपातिक दर पर (Pro rata Basis) पर भुगतान किया जायेगा। भुगतान हेतु राज्य स्तरीय नोडल खाते से निकाय के नोडल अधिकारी स्वयं के डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से epo जारी कर सीधे अभ्यर्थी के आधार लिंक्ड बैंक खाते में आधार आधारित भुगतान करेंगे।
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