मध्यप्रदेश राष्ट्रीय उद्यान स्थापना - INDIA GOOGLE ALL FARMATA

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25 August, 2018

मध्यप्रदेश राष्ट्रीय उद्यान स्थापना


मध्यप्रदेश राष्ट्रीय उद्यान स्थापना ओर स्थान   स्थापित क्षेत्र

राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के 10 राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश राज्य की कुल वनधरोहर का 13% भाग है जो कि 94689 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है राज्य के वनों में वन्य प्राणी संरक्षण क्षेत्र का आकार 10989.247 वर्ग किलोमीटर है प्रदेश में 10 राष्ट्रीय उद्यान हैं एवं 25 वन्य प्राणी अभ्यारण है इसमें से 6 बाघ परियोजना क्षेत्र में 2 अभ्यारण लुप्त प्राय दुर्लभ पक्षियों के लिए सोन चिड़िया के संरक्षण के लिए और 02 अभ्यारण एक ओर लुप्तप्राय दुर्लभ पक्षी खरमोर के लिए और 03 अभयारण्य जलीय प्राणोंयो की सुरक्षा के लिए गठित किए गए है |


मध्य प्रदेश के 10 राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में जानकारी देते हैं वे निम्न है- 
राष्ट्रीय उद्यान।                         स्थान
1- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान      --मंडला और बालाघाट 
2-माधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान---कटनी और उमरिया 
3- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान   -----पन्ना और छतरपुर
4- पैच राष्ट्रीय उद्यान   ------सिवनी और छिंदवाड़ा 
5- माधव राष्ट्रीय उधान---- -शिवपुरी 
6- सतपुड़ा राष्ट्रीय उधान--- होशंगाबाद 
7- फासिल राष्ट्रीय उधान --- डिंडोरी
8- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान- भोपाल
9-  संजय राष्ट्रीय उद्यान ----सीधी और
10-डायनासोर जीवाश्म
 राष्ट्रीय उद्यान बाग      ------ धार
1. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला और बालाघाट जिले के वन क्षेत्र में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान जबलपुर से 170 किलोमीटर दूर है इसे वर्ष 1955 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था इस उद्यान में शेर तेंदुआ गौर रायसेन बारहसिंघा नीलगाय सांभर चीतल और जो चैसिगा सोनू कुत्ते और अन्य पशु पक्षी हैं यह राष्ट्रीय पार्क 939.947 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है वन संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38-5(2 )के तहत घोषित बफर जोन के मुताबिक कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का अधिसूचित बाहर क्षेत्र 1134.31 वर्ग किलोमीटर है इसमें से 598.13 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है तथा शेष 536. 18 वर्ग किलोमीटर राजस्व क्षेत्र है इसे बफर जोन में कुल 161 ग्राम शामिल है |

2. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1968 में इसी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था उमरिया और कटनी जिले में स्थित है राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पर्वत श्रेणी की पहाड़ियों से घिरा हुआ है इस उद्यान में 22 से अधिक स्तनपायी प्राणी और 200 जातियों से अधिक के पक्षी पाए जाते हैं जिसमें बाघ तेंदुआ चीतल सांभर और गौर पाए जाते हैं पूरे भारत में बाघों की बहुलता की तुलना की जाए तो इस उद्यान में सर्वाधिक भाग होना बताया जाता है बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान सफेद शेर की मात्र भूमि भी इस उद्यान को माना जाता है रीवा की पुरानी रियायतों में अनेक वर्षों तक यह दुर्लभ शेर पाए जाते रहे हैं वर्ष 1967 तक जब तक कि क्षेत्र राष्ट्रीय उद्यान के रूप में गठित नहीं हुआ यहां संरक्षण संबंधी विशेष उपाय नहीं अपनाएगा बाद में वाधवगढ़ को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में विकसित करने की दृष्टि से अनेक उपाय किए गए जिससे कि वह वन्य प्राणियों के लिए सहज प्राकृतिक आवास स्थान के रूप में बना रहे बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान कुल 448 .842 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है|

3. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1981 में इसी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था या पन्ना और छतरपुर जिले के वन क्षेत्र में स्थित है इस उद्यान में बाघ तेंदुआ साबर चीता चिंकारा पाए जाते हैं यहां दक्षिण ऊष्ण देसीय सूखे पतझड़ वाले स्लोगन केवल और दक्षिण ऊष्ण देसीय सूखे पतझड़ वाले बने पन्ना राष्ट्रीय उद्यान कुल 542 .662 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है |
4. पेंच राष्ट्रीय उद्यान 
पेंच राष्ट्रीय उद्यान 1999 पेंच टाइगर रिजर्व में पार्क तेंदुआ और गौरव चित्र समारोह और नीलगाय थे किसी को मोगलीलैंड के नाम से जाना जाता है यह सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में स्थित है यह उद्यान सिवनी से 45 किलोमीटर दूर है यहां दक्षिण भारतीय ऊष्ण देसीय अर्थ आद्र सागवान के वन और दक्षिण आई मिश्रित पतझड़ वाले वन पाए जाते हैं यह कुल 292.857 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38-5(2 )के तहत घोषित बफर जोन के मुताबिक कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का अधिसूचित क्षेत्र 768 .30 वर्ग किलोमीटर है इसमें 470.08 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है तथा 298.24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 107 ग्राम शामिल है |

5. माधव राष्ट्रीय उद्यान 
माधव राष्ट्रीय उद्यान 375 230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है यह मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुरी जिले में स्थित है इस ज्ञान को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था इस राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुआ सांभर और चीतल पाये जाते है |
6.सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था यह होशंगाबाद जिले की पिपरिया से 10 किलोमीटर दूर यह उद्यान स्थित है इस उद्यान में दक्षिण ऊष्ण देसीय  विस्तृत पतझड़ वाले 1 उत्तर ऊष्ण देसीय  सुखी साल वाले 1 और मध्य भारत पवर्तीय वन पाए जाते हैं 528.729 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है इस उद्यान में बाघ तेंदुआ चीतल सांभर जंगली कुत्ते हिरण आदि वन जीव पाए जाते हैं |
7. फासिल राष्ट्रीय उद्यान
फासिल राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1983 में किसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिलाता है यह डिंडोरी जिले में स्थित है फासिल राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न किस्म की जीवाश्म संग्रहित है इनमें नारियल के पेड़ सुपाड़ी मछली आदि के जीवाशम भी हैं इसमें ऐसा प्रतीत होता है कि कभी यह इलाका समुद्र के करीब रहा होगा फासिल राष्ट्रीय उद्यान 0.270 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है|
8. वन विहार राष्ट्रीय
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित वन बिहार राज्य के सभी प्रजातियों के वन्य प्राणी के निवासी थे यहां दक्षिण ऊष्ण देसीय   सूखे पतझड़ वाली झाड़ी वन है वन विहार राष्ट्रीय उद्यान 4.452 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है |

9. संजय राष्ट्रीय उद्यान
संजय राष्ट्रीय उद्यान इस उद्यान को 1983 -84 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था यह सीधी जिले में स्थित है यह राष्ट्रीय उद्यान 1 47 159  किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है बाघों की आबादी के कारण बाद में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत शामिल किया गया सिंधी से मात्र 25 किलोमीटर दूर इस उद्यान में बाघ तेंदुआ सांभर चीतल और हिरण जंगली भैंसा आदि वन्य प्राणी पाए जाते हैं संजय राष्ट्रीय उद्यान कुल 466. 657 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है |
 10डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान बाग
 डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान बाग राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 2001 में की गई थी धार जिले के बाग में स्थित है यहां डायनासोर की 6 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म मिले है| 



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