31 May, 2025

टाटा समूह और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc): भारत के औद्योगिक और वैज्ञानिक उत्थान की कहानी

टाटा समूह और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc): भारत के औद्योगिक और वैज्ञानिक उत्थान की कहानी


: जमशेदजी टाटा के दूरदर्शी सपनों से उपजा टाटा समूह और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) कैसे भारत के औद्योगिक और वैज्ञानिक विकास का आधार बने। इस पोस्ट में जानें उनकी विरासत, प्रमुख उपलब्धियां, और IISc में AI के क्षेत्र में हो रहे groundbreaking अनुसंधान।

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भारत के औद्योगिक और वैज्ञानिक परिदृश्य को आकार देने में टाटा समूह और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की भूमिका अद्वितीय है। इन दोनों महान संस्थाओं के पीछे एक ही दूरदर्शी व्यक्तित्व का हाथ था - जमशेदजी टाटा। उनकी दूरदर्शिता और राष्ट्र निर्माण की भावना ने भारत को आत्मनिर्भरता और नवाचार की दिशा में एक नई पहचान दी।

टाटा समूह: एक वैश्विक औद्योगिक महाशक्ति

  • स्थापना: जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी
  • व्यापार क्षेत्र: यह समूह 10 व्यावसायिक क्षेत्रों में फैला है और इसकी 30 से अधिक कंपनियाँ हैं।
  • वैश्विक उपस्थिति: यह समूह 100 से अधिक देशों में काम करता है
  • राजस्व: इसका कुल राजस्व $165 बिलियन (2023-24) से अधिक है
  • बाज़ार पूँजी: अगस्त 2024 तक, टाटा समूह की 29 कंपनियाँ शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, जिनकी कुल बाज़ार पूँजी ₹33.7 ट्रिलियन (US$403 बिलियन) है।
  • शुरुआत: जमशेदजी टाटा ने इसकी शुरुआत एक औद्योगिक और आर्थिक रूप से स्वतंत्र भारत की नींव रखने के उद्देश्य से की थी।
  • प्रमुख शुरुआती परियोजना: नागपुर में एम्प्रेस मिल की स्थापना
  • प्रमुख क्षेत्र: स्टील (टाटा स्टील), ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता वस्तुएं, वित्तीय सेवाएं, आदि।

जमशेदजी टाटा के दूरदर्शी सपने

  • जन्म: 3 मार्च 1839 को नवसारी, गुजरात में एक पारसी परिवार में।
  • शिक्षा: एल्फिंस्टन कॉलेज, मुंबई से स्नातक
  • तीन प्रमुख सपने:
    1. एक मजबूत इस्पात उद्योग: टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) की स्थापना।
    2. उच्च शिक्षा और अनुसंधान: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की स्थापना का विचार।
    3. स्वच्छ ऊर्जा: हाइड्रोपावर परियोजनाओं की कल्पना।

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc): अनुसंधान और नवाचार का केंद्र

  • स्थापना: 1909 में जमशेदजी टाटा की पहल पर
  • उद्देश्य: भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना
  • योगदान: मैसूर राज्य के शासकों ने 371 एकड़ भूमि और वित्तीय सहायता प्रदान की।
  • पहले निदेशक: मॉरिस ट्रैवर्स।
  • शुरुआती विभाग (1911):
    • रसायन विज्ञान विभाग: सामान्य और अनुप्रयुक्त रसायन विज्ञान पर शोध।
    • विद्युत प्रौद्योगिकी विभाग: विद्युत इंजीनियरिंग और ऊर्जा प्रणालियों पर केंद्रित।
  • आज: IISc आज वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी है

IISc में AI और मशीन लर्निंग में अग्रणी अनुसंधान

  • प्रमुख विभाग: कंप्यूटर विज्ञान और ऑटोमेशन विभाग (CSA)
  • प्रमुख AI अनुसंधान क्षेत्र:
    • मशीन लर्निंग और गहन शिक्षण (Deep Learning): न्यूरल नेटवर्क, कंप्यूटर विजन, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP), डेटा साइंस।
    • AI-driven स्वास्थ्य समाधान: XraySetu जैसे AI मॉडल (जैसे कोविड-19 की प्रारंभिक पहचान)।
    • AI और साइबर सुरक्षा: AI आधारित साइबर सुरक्षा मॉडल
    • AI और वित्तीय प्रौद्योगिकी (FinTech): AI आधारित भुगतान प्रणाली और डेटा विश्लेषण
    • AI और रोबोटिक्स: स्वायत्त रोबोट, ड्रोन तकनीक, औद्योगिक स्वचालन।
  • शैक्षणिक कार्यक्रम: M.Tech (AI) और PhD कार्यक्रम उपलब्ध

जमशेदजी टाटा के दूरदर्शी सपनों ने न केवल टाटा समूह जैसे औद्योगिक दिग्गज को जन्म दिया, बल्कि IISc जैसे वैज्ञानिक संस्थानों की नींव भी रखी, जो आज भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

30 May, 2025

What is the SSID जानिए SSID क्या होता है, यह कैसे काम करता है

SSID क्या है? - आपके Wi-Fi नेटवर्क का नाम

SSID का पूरा नाम Service Set Identifier होता है। यह एक वायरलेस नेटवर्क (Wi-Fi) की पहचान करने वाला नाम या कोड होता है।

जब आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में Wi-Fi ऑन करते हैं और आस-पास उपलब्ध नेटवर्क दिखते हैं, तो जो नाम दिखाई देते हैं – जैसे:

  • JioFiber_1234
  • Home_Network
  • Cafe_WiFi

ये सभी नाम SSID होते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो, SSID आपके Wi-Fi नेटवर्क का नाम है।

SSID कैसे कार्य करता है?

  • Wi-Fi नेटवर्क को एक विशिष्ट पहचान देता है।
  • डिवाइस को यह बताता है कि वह किस नेटवर्क से कनेक्ट हो रहा है।
  • यदि एक ही स्थान पर कई नेटवर्क हैं, तो SSID उन्हें अलग-अलग पहचानने में मदद करता है।

आपका Wi-Fi राउटर लगातार अपने SSID को "बीकन" (Beacon) पैकेट के रूप में प्रसारित करता है। डिवाइस इन पैकेट को पढ़कर उपलब्ध नेटवर्क की सूची बनाते हैं।

अपना SSID कहाँ और कैसे खोजें?

  • मोबाइल पर: Wi-Fi ऑन करें और उपलब्ध नेटवर्क की सूची देखें।
  • Wi-Fi राउटर पर: राउटर के पीछे एक स्टिकर पर डिफ़ॉल्ट SSID लिखा होता है।
  • राउटर एडमिन पैनल: ब्राउज़र में 192.168.0.1 या 192.168.1.1 टाइप करें और लॉगिन करके Wireless Settings में देखें।

SSID के प्रकार

  • Visible SSID (दिखने योग्य): सामान्य रूप से सभी नेटवर्क का नाम दिखाई देता है।
  • Hidden SSID (छुपा हुआ): सुरक्षा कारणों से SSID छुपाया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता।

क्या आप अपना SSID बदल सकते हैं?

हाँ, आप अपने Wi-Fi राउटर की सेटिंग्स में जाकर अपने SSID को बदल सकते हैं।

उदाहरण:

  • पहले नाम: TPLink1234
  • बदला हुआ नाम: MyHomeWiFi

SSID बनाम पासवर्ड: मुख्य अंतर

विषय SSID पासवर्ड
क्या है? नेटवर्क का नाम नेटवर्क की सुरक्षा के लिए कोड
दिखता है? हाँ (अगर Hidden नहीं है) नहीं
काम नेटवर्क को पहचानने के लिए कनेक्शन की अनुमति देने के लिए

SSID से जुड़े सुरक्षा उपाय और सुझाव

  • SSID में व्यक्तिगत जानकारी न डालें (जैसे घर का पता या नाम)।
  • SSID को Hidden करना विकल्प हो सकता है, लेकिन यह पूरी सुरक्षा नहीं देता।
  • मजबूत पासवर्ड रखें – अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह का उपयोग करें।
  • राउटर की WPS सुविधा को बंद करें यदि सुरक्षा प्राथमिकता है।

:CM मोहन यादव का बड़ा फैसला. MP में शराबबंदी

MP शराबबंदी और दूध उत्पादन पर सीएम मोहन यादव का फैसला

MP में शराबबंदी: CM मोहन यादव का बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में शराबबंदी की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने 17 धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है।

🔹 प्रतिबंधित शहर:

उज्जैन
ओंकारेश्वर
महेश्वर
मैहर
अमरकंटक
चित्रकूट
मंदसौर
सांची
ओरछा
सलकनपुर
नलखेड़ा
जबलपुर (भेड़ाघाट)
पन्ना
मंडला
मुलताई
दतिया
मंडलेश्वर

🐄 दूध उत्पादन को बढ़ावा:

मुख्यमंत्री ने राज्य में दूध उत्पादन को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा है, जिसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं:

  • उत्पादन लक्ष्य: वर्तमान 9% से बढ़ाकर 20% तक ले जाना।
  • योजनाएं: 'कामधेनु गौ पालन योजना' के अंतर्गत गाय आधारित उत्पादों को बढ़ावा।
  • सहयोग: NDDB के साथ डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार, आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
  • शिक्षा: डेयरी तकनीकी और पशुपालन पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों में शुरू किए जाएंगे।

यह पहल न सिर्फ नशे की लत को कम करेगी, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

स्रोत: India google all farmate ,TIME OF INDIA

PF नए नियम 2025: 1 अप्रैल से बदल गई PF दावा प्रक्रिया

EPFO नए नियम 2025: 1 अप्रैल से बदल गई PF दावा प्रक्रिया

EPFO नए नियम 2025: 1 अप्रैल से बदल गई PF दावा प्रक्रिया

EPFO ने 1 अप्रैल 2025 से EPF क्लेम को और तेज़ व पारदर्शी बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं:

🔑 ₹1 लाख तक का ऑटो-क्लेम

अब ₹1 लाख तक का एडवांस EPF क्लेम 3 दिनों में ऑटो-सेटलमेंट के ज़रिए पूरा होगा।

🏦 बैंक दस्तावेज़ की आवश्यकता समाप्त

EPF क्लेम के लिए अब चेक या पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड नहीं करनी होगी।

🔄 PF ट्रांसफर होगा ऑटोमैटिक

नया नियोक्ता जॉइन करते ही PF खाता नए अकाउंट से जुड़ जाएगा।

🧾 बिना दस्तावेज़ के प्रोफाइल अपडेट

UAN यदि आधार से लिंक है तो प्रोफाइल बिना दस्तावेज़ के अपडेट किया जा सकता है।

📄 क्लेम के लिए जरूरी शर्तें

  • 5 साल पुराना खाता
  • विशेष कारणों पर ही निकासी
  • आधार और पैन लिंक
  • ई-नामांकन अनिवार्य

📊 99% क्लेम अब ऑनलाइन

EPFO की नई CITES प्रणाली से अब ज्यादातर क्लेम ऑनलाइन और तेज़ निपटाए जा रहे हैं।

📚 स्रोत

मध्य प्रदेश में वर्ष 2025 के ई-उपार्जन घोटाले ने राज्य की कृषि उपज खरीद प्रणाली पर सवाल

मध्य प्रदेश में वर्ष 2025 के ई-उपार्जन घोटाले ने राज्य की कृषि उपज खरीद प्रणाली पर सवाल


 मध्य प्रदेश में वर्ष 2025 के ई-उपार्जन घोटाले ने राज्य की कृषि उपज खरीद प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।  इस घोटाले में सरकारी पोर्टल का दुरुपयोग कर धान की खरीद में व्यापक अनियमितताएं सामने आई हैं। 

मध्य प्रदेश में वर्ष 2025 के ई-उपार्जन घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने व्यापक जांच और कार्रवाई की है।  इस घोटाले में धान खरीदी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। 


🔍 घोटाले का खुलासा

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की जांच में पता चला कि प्रदेश के 12 जिलों की 150 उपार्जन समितियों और 140 वेयरहाउस में लगभग ₹5 करोड़ की हेराफेरी हुई है।  जांच के दौरान सतना जिले के कनक वेयरहाउस में 535 क्विंटल धान की जगह भूसी पाई गई, जो इस घोटाले की गंभीरता को दर्शाता है।  


🏛️ कानूनी कार्रवाई

EOW ने जबलपुर जिले में 22 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और गिरफ्तारियां भी की गई हैं।  

भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने विधानसभा सत्र के दौरान इस घोटाले को उजागर किया और आरोप लगाया कि बिना धान जमा किए ही सरकारी खातों से करोड़ों रुपये निकाले गए।  


📊 ई-उपार्जन पोर्टल का उद्देश्य

ई-उपार्जन पोर्टल का मुख्य उद्देश्य किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सीधे उपज खरीदना और भुगतान को पारदर्शी बनाना था।  इस प्रणाली के माध्यम से बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने का लक्ष्य था।  


🚨 आगे की कार्रवाई

मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर EOW ने 25 टीमों का गठन कर प्रदेशव्यापी जांच शुरू की है।  यह जांच ट्रांसपोर्टर्स, वेयरहाउस और राइस मिलों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।  


 EOW की रिपोर्ट और FIR विवरण

जांच का दायरा: EOW ने 12 जिलों की 150 उपार्जन समितियों और 140 वेयरहाउसों पर छापेमारी की, जिसमें लगभग 19,910.53 क्विंटल धान की हेराफेरी का खुलासा हुआ।  

FIR और आरोपी: EOW ने 8 जिलों की 38 समितियों के 145 व्यक्तियों के खिलाफ 38 FIR दर्ज की हैं।  इनमें समिति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस संचालक और राइस मिल मालिक शामिल हैं।  

विशेष मामला: सिवनी जिले की शकुंतला देवी राइस मिल के मालिक आशीष अग्रवाल के खिलाफ धारा 316(5) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।  


📥 EOW रिपोर्ट और FIR प्राप्त करने की प्रक्रिया

यदि आप EOW की रिपोर्ट या किसी विशेष FIR की प्रति प्राप्त करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

1. EOW की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://eow.mp.gov.in/fir/ 

2. FIR अनुभाग में खोजें: यहां आप जिलेवार या केस नंबर के आधार पर FIR की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

3. सूचना का अधिकार (RTI) आवेदन: यदि आवश्यक दस्तावेज़ ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं, तो आप संबंधित EOW कार्यालय में RTI आवेदन देकर रिपोर्ट की प्रति मांग सकते हैं। 

4. स्थानीय EOW कार्यालय से संपर्क: जबलपुर स्थित EOW इकाई से सीधे संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में वर्ष 2025 में ई-उपार्जन प्रणाली के तहत एक बड़ा धान खरीद घोटाला सामने आया है, जिसमें सरकारी अधिकारियों, सहकारी समितियों और राइस मिल संचालकों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई। 


📌 जबलपुर जिले में ई-उपार्जन घोटाले की प्रमुख जानकारियाँ

1. 30 करोड़ रुपये का धान परिवहन घोटाला

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने पाया कि लगभग 13,000 मीट्रिक टन धान, जिसकी अनुमानित कीमत 30 करोड़ रुपये है, का फर्जीवाड़ा किया गया। 

जांच में सामने आया कि धान के परिवहन के लिए जिन वाहनों का उल्लेख किया गया था, उनमें से कई वाहन कारें या कम क्षमता वाले वाहन थे, जो धान के परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं थे। 

कुल 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी, सहकारी समितियों के कर्मचारी और राइस मिल संचालक शामिल हैं。 


2. 66 लाख रुपये का धान गायब

सिहोरा क्षेत्र के अरनवी वेयरहाउस 52 में 2,861.15 क्विंटल धान, जिसकी कीमत लगभग 66 लाख रुपये है, गायब पाया गया। 

जांच में पाया गया कि कई बोरियों में धान की मात्रा कम थी और कुछ बोरियों में निम्न गुणवत्ता का धान भरा गया था。 

पुलिस ने वेयरहाउस प्रभारी प्रिंस उपाध्याय और संचालक प्रियंका सोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है。 


3. गेहूं में मिलावट का मामला

माँ रेवा वेयरहाउस में जांच के दौरान पाया गया कि गेहूं में मिट्टी और पत्थर मिलाकर उसे सरकारी खरीद के लिए प्रस्तुत किया गया था。 

पुलिस ने वेयरहाउस संचालक नितेश पटेल, खरीद प्रभारी शीला बाई कुशवाहा और सबला संकुल संगठन के प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया है。 


⚖️ कानूनी कार्रवाई और प्रशासनिक कदम

जबलपुर जिले में 12 थानों में कुल 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

प्रशासन ने दोषी पाए गए राइस मिल संचालकों को ब्लैकलिस्ट करने और घोटाले की राशि बैंक गारंटी से वसूलने का निर्णय लिया है。 

EOW ने प्रदेशभर में 25 टीमों का गठन कर जांच शुरू की है, जिससे अन्य जिलों में भी ऐसे घोटालों का खुलासा हो सकता है。

जबलपुर जिले में वर्ष 2025 के ई-उपार्जन घोटाले में कई सहकारी समितियाँ और वेयरहाउस शामिल पाए गए हैं। इन संस्थानों पर धान और गेहूं की खरीदी, परिवहन, और भंडारण में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। 


🏢 प्रमुख सहकारी समितियाँ और वेयरहाउस

1. बुढ़ागर लार्ज प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी (सिहोरा)

वेयरहाउस: अरनवी वेयरहाउस 52

घोटाला: 2,861.15 क्विंटल धान, जिसकी कीमत लगभग ₹66 लाख है, गायब पाया गया। जांच में पाया गया कि कई बोरियों में धान की मात्रा कम थी और कुछ बोरियों में निम्न गुणवत्ता का धान भरा गया था。  


2. माँ रेवा वेयरहाउस (कंकर्डेही)

घोटाला: गेहूं में मिट्टी और पत्थर मिलाकर सरकार को बेचा गया। जांच में पाया गया कि 70-75% गेहूं में मिलावट थी। इसके अलावा, 1,020 सरकारी बोरियाँ भी गायब पाई गईं।  


3. शिवांशी वेयरहाउस (ग्राम पटपरा बेरला)

घोटाला: वेयरहाउस संचालक ने गेहूं खरीदी में अनियमितताओं की शिकायत की, जिसके बाद जांच में घोटाले का खुलासा हुआ।  


जबलपुर जिले में वर्ष 2025 के ई-उपार्जन घोटाले में कई प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों, सहकारी समितियों और राइस मिल संचालकों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई। 

🔍 प्रमुख आरोपी व्यक्तियों की सूची

1. दिलीप किरार

पद: प्रभारी जिला प्रबंधक, मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन (MPSCSC)

स्थान: सराफा वार्ड, पुरानी बजरिया, कोतवाली, जबलपुर

स्थिति: फरार; इनाम घोषित  

2. प्रिंस उपाध्याय

पद: केंद्र प्रभारी, अरनवी वेयरहाउस 52, सिहोरा

आरोप: 2,861.15 क्विंटल धान, जिसकी कीमत लगभग ₹66 लाख है, का गबन

स्थिति: एफआईआर दर्ज  

3. प्रियंका सोनी

पद: संचालक, अरनवी वेयरहाउस 52

आरोप: उपरोक्त धान गबन में सह-अभियुक्त

स्थिति: एफआईआर दर्ज  

4. नितेश पटेल

पद: संचालक, माँ रेवा वेयरहाउस

आरोप: गेहूं में मिट्टी और पत्थर मिलाकर सरकार को बेचना

स्थिति: एफआईआर दर्ज  

5. शीला बाई कुशवाहा

पद: खरीदी प्रभारी, माँ रेवा वेयरहाउस

आरोप: उपरोक्त गेहूं मिलावट में सह-अभियुक्त

स्थिति: एफआईआर दर्ज  

6. कंकर्डेही संकुल संगठन के प्रमुख

पद: अध्यक्ष, सबला संकुल संगठन

आरोप: गेहूं मिलावट घोटाले में संलिप्तता

स्थिति: एफआईआर दर्ज  


📋 अन्य आरोपी और इनाम की घोषणा

जबलपुर जिले में कुल 74 लोगों के खिलाफ 12 थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से कई आरोपी फरार हैं, जिन पर पुलिस ने इनाम घोषित किया है: 

₹10,000 इनाम: दिलीप गुप्ता, अनिल अवतानी, संजय जैन (ग्वालियर), अमन राजू छाबड़ा, सुमित कोरी, रामेन्द्र शर्मा, सुनील प्रजापति, श्यामलता यादव, आयुष खण्डेलवाल, अजय दत्त मिश्रा उर्फ कपिल, रविशंकर पटेल, विशाल सिंह, रोहित ठाकुर 

₹5,000 इनाम: सुबोध कुमार शर्मा, अनिल पटेल, अकलेश सेन, अनूप गोयल, श्याम सुंदर साहू, प्रवीण सावनी, घनश्याम साक्यवार, गोविंद अवस्थी आदि  


⚖️ कानूनी धाराएं और कार्रवाई

इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(2), 318(4), 316(5), 61(2) और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3, 7 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा जांच जारी है, और कई आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।  



📰 मध्य प्रदेश ई-उपार्जन घोटाला 2025: करोड़ों की धान खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला

मध्य प्रदेश ई-उपार्जन घोटाला 2025

📰 मध्य प्रदेश ई-उपार्जन घोटाला 2025: करोड़ों की धान खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला

📅 वर्ष 2025 में ई-उपार्जन प्रणाली पर गंभीर सवाल

मध्य प्रदेश में वर्ष 2025 का ई-उपार्जन घोटाला राज्य की कृषि उपज खरीद प्रणाली की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से धान की खरीदी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और अनियमितताएं उजागर हुई हैं।

🔍 घोटाले का खुलासा

  • जांच एजेंसी: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW)
  • प्रभावित क्षेत्र: 12 जिले, 150 उपार्जन समितियाँ, 140 वेयरहाउस
  • हेराफेरी राशि: ₹5 करोड़ से अधिक
  • विशेष उदाहरण: सतना के कनक वेयरहाउस में 535 क्विंटल धान की जगह भूसी पाई गई

🧾 ई-उपार्जन पोर्टल का उद्देश्य

  • किसानों से MSP पर उपज खरीदना
  • बिचौलियों की भूमिका खत्म करना
  • किसानों को पारदर्शी और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना

⚖️ कानूनी कार्रवाई और FIR

  • जिले: जबलपुर समेत 8 जिले
  • FIR की संख्या: 38
  • आरोपित: 145 व्यक्ति (समिति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस संचालक, राइस मिल मालिक)
  • विशेष मामला: शकुंतला देवी राइस मिल (सिवनी) - मालिक आशीष अग्रवाल पर BNS की धारा 316(5) के तहत मामला

📥 EOW रिपोर्ट और FIR कैसे प्राप्त करें?

  1. EOW की वेबसाइट पर जाएँ
  2. जिले या केस नंबर से FIR खोजें
  3. RTI आवेदन द्वारा रिपोर्ट की मांग करें
  4. स्थानीय EOW कार्यालय से संपर्क करें

📍 जबलपुर जिले में हुए प्रमुख घोटाले

1. ₹30 करोड़ का धान परिवहन घोटाला

13,000 मीट्रिक टन धान का फर्जीवाड़ा; फर्जी वाहन दर्शाए गए; 74 लोगों पर FIR

2. ₹66 लाख का धान गायब (अरनवी वेयरहाउस 52, सिहोरा)

प्रभारी प्रिंस उपाध्याय और संचालक प्रियंका सोनी पर मामला दर्ज

3. गेहूं मिलावट (माँ रेवा वेयरहाउस)

मिट्टी और पत्थर मिलाकर सरकार को बेचा गया; संचालक नितेश पटेल और शीला बाई पर मामला

🏢 प्रमुख सहकारी समितियाँ और वेयरहाउस

नाम स्थान प्रमुख घोटाला
बुढ़ागर लार्ज PACS सिहोरा 2,861.15 क्विंटल धान गायब
माँ रेवा वेयरहाउस कंकर्डेही 70–75% गेहूं में मिलावट
शिवांशी वेयरहाउस पटपरा बेरला गेहूं खरीदी में अनियमितता

👤 प्रमुख आरोपी व्यक्तियों की सूची

नाम पद आरोप स्थिति
दिलीप किरार प्रभारी जिला प्रबंधक, MPSCSC मुख्य आरोपी फरार, ₹10,000 इनाम
प्रिंस उपाध्याय केंद्र प्रभारी धान गबन FIR दर्ज
प्रियंका सोनी संचालक धान गबन FIR दर्ज
नितेश पटेल संचालक गेहूं मिलावट FIR दर्ज
शीला बाई कुशवाहा खरीदी प्रभारी मिलावट में सह-अभियुक्त FIR दर्ज

💰 इनाम की घोषणा

₹10,000 इनाम: दिलीप गुप्ता, अनिल अवतानी, संजय जैन, अमन छाबड़ा, सुमित कोरी आदि

₹5,000 इनाम: सुबोध शर्मा, अनिल पटेल, अनूप गोयल, प्रवीण सावनी आदि

⚖️ लागू धाराएं

  • भारतीय न्याय संहिता: धारा 318(2), 318(4), 316(5), 61(2)
  • आवश्यक वस्तु अधिनियम: धारा 3 और 7

🚨 निष्कर्ष: क्या पारदर्शिता संभव है?

यह घोटाला दर्शाता है कि डिजिटल व्यवस्था भी यदि निगरानी और पारदर्शिता से वंचित हो, तो भ्रष्टाचार संभव है। प्रदेशभर में ऐसे मामलों की जांच जरूरी है।

29 May, 2025

"RTE Admission 2025: मुफ्त स्कूल प्रवेश के लिए आवेदन, लॉटरी परिणाम और दस्तावेज़ प्रक्रिया"

 RTE Admission 2025: मुफ्त स्कूल प्रवेश के लिए आवेदन, लॉटरी परिणाम और दस्तावेज़ प्रक्रिया"

मध्य प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए 'शिक्षा का अधिकार' (RTE) अधिनियम के तहत प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यदि आप जबलपुर या मध्य प्रदेश के किसी अन्य जिले से हैं, तो नीचे दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी:

RTE Admission 2025

MP RTE School Admission

शिक्षा का अधिकार अधिनियम

RTE लॉटरी रिजल्ट 2025

मुफ्त स्कूल एडमिशन योजना

RTE आवेदन प्रक्रिया

School Seat Allotment MP

RTE Portal MP




📅 महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • ऑनलाइन आवेदन की अवधि: 7 मई से 21 मई 2025 तक
  • दस्तावेज़ सत्यापन की अंतिम तिथि: 23 मई 2025
  • पहले चरण की लॉटरी परिणाम जारी: 29 मई 2025
  • प्रवेश रिपोर्टिंग (मोबाइल ऐप के माध्यम से): 2 जून से 10 जून 2025 तक  

 प्रवेश प्रक्रिया

1. ऑनलाइन आवेदन: अभिभावकों ने rteportal.mp.gov.in पर जाकर आवेदन किया।

2. दस्तावेज़ सत्यापन: आवेदन के बाद, नजदीकी जन शिक्षा केंद्र में मूल दस्तावेज़ों का सत्यापन कराया गया।

3. लॉटरी प्रक्रिया: 29 मई को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से सीटों का आवंटन किया गया।

4. प्रवेश रिपोर्टिंग: आवंटित स्कूल में 2 जून से 10 जून के बीच प्रवेश की पुष्टि मोबाइल ऐप के माध्यम से करनी होगी।

🧾 आवश्यक दस्तावेज़

  • बच्चे का आधार कार्ड
  • बच्चे की फोटो
  • समग्र आईडी
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • माता-पिता की समग्र आईडी
  • BPL राशन कार्ड
  • मोबाइल नंबर
  • मेडिकल रिकॉर्ड (यदि लागू हो, जैसे HIV/दिव्यांगता प्रमाण पत्र)  

 जबलपुर में स्थिति

जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में RTE के तहत उपलब्ध सीटों की तुलना में आवेदन अधिक प्राप्त हुए हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।  



📲 क्या करें अब?

लॉटरी परिणाम देखें: rteportal.mp.gov.in पर जाकर अपना आवेदन नंबर, पंजीकृत मोबाइल नंबर और बच्चे की जन्मतिथि दर्ज करके परिणाम देखें।

प्रवेश की पुष्टि करें: यदि आपके बच्चे को सीट आवंटित हुई है, तो 2 जून से 10 जून के बीच संबंधित स्कूल में जाकर प्रवेश की पुष्टि करें और आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करें।

RTE Portal MP click लॉटरी परिणाम 



दूसरे चरण की प्रतीक्षा: यदि पहले चरण में सीट नहीं मिली है

, तो पोर्टल पर दूसरे चरण की जानकारी के लिए नियमित रूप से चेक करते रहें। 

FAQ Section (पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न):

RTE योजना क्या है?

उत्तर: RTE (Right to Education) अधिनियम के तहत, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। इसके अंतर्गत गरीब वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त प्रवेश दिया जाता है।

RTE MP Admission 2025 के लिए पात्रता क्या है?

उत्तर: बच्चे की आयु 3 से 7 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से कम होनी चाहिए (या BPL कार्डधारी हों)।

समग्र ID और आधार कार्ड होना जरूरी है।

RTE लॉटरी रिजल्ट कैसे देखें?

उत्तर: https://rteportal.mp.gov.in/ पर जाकर आवेदन संख्या, जन्मतिथि और पंजीकृत मोबाइल नंबर डालें और "लॉटरी परिणाम" पर क्लिक करें।

स्कूल सीट आवंटन कैसे होता है?

उत्तर: सभी योग्य आवेदनों में से कंप्यूटर लॉटरी द्वारा स्कूल सीटों का आवंटन किया जाता है। अभिभावकों को SMS और पोर्टल पर जानकारी मिलती है।

यदि लॉटरी में नाम नहीं आए तो क्या करें?

उत्तर: आप दूसरे चरण की प्रतीक्षा कर सकते हैं। यदि सीटें खाली होती हैं तो अगली लॉटरी में नाम आ सकता है।


26 May, 2025

पोस्ट बेसिक बी.एससी. नर्सिंग (PBBSc Nursing) और मास्टर ऑफ साइंस नर्सिंग (M.Sc. Nursing)

 पोस्ट बेसिक बी.एससी. नर्सिंग (PBBSc Nursing) और मास्टर ऑफ साइंस नर्सिंग (M.Sc. Nursing)

पोस्ट बेसिक बी.एससी. नर्सिंग (PBBSc Nursing) और मास्टर ऑफ साइंस नर्सिंग (M.Sc. Nursing) के लिए चयन परीक्षा 2025 की जानकारी उपलब्ध है। यदि आप इस परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आप यहां जाकर विस्तृत विवरण देख

महत्वपूर्ण जानकारी

  • योग्यता: PBBSc के लिए GNM डिप्लोमा आवश्यक है, जबकि M.Sc. Nursing के लिए B.Sc. Nursing डिग्री आवश्यक होती है।
  • परीक्षा प्रक्रिया: यह परीक्षा ऑनलाइन आवेदन और चयन प्रक्रिया के माध्यम से आयोजित की जाती है।
  • आवेदन तिथि: 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है

महत्वपूर्ण जानकारी:  

  •  आवेदन प्रारंभ: 23 मई 2025 से। 
  • आवेदन की अंतिम तिथि: 06 jun 2025। 
  • आवेदन संशोधन: 11 जून 2025 तक
  • परीक्षा तिथि: 1 जुलाई 2025 (दो शिफ्ट में

शैक्षणिक योग्यता: 

  1.  PBBSc के लिए GNM डिप्लोमा आवश्यक है, 
  2. जबकि M.Sc. Nursing के लिए B.Sc. Nursing डिग्री आवश्यक होती है।


आयु सीमा:

 PBBSc Nursing

  • न्यूनतम आयु: 17 वर्ष
  • अधिकतम आयु: कोई ऊपरी सीमा नहीं, लेकिन कुछ संस्थानों में 35 वर्ष तक की सीमा हो सकती है।

M.Sc. Nursing

  • न्यूनतम आयु: 21 वर्ष
  • अधिकतम आयु: 40 वर्ष (कुछ संस्थानों में छूट उपलब्ध हो सकती है)


आवेदन शुल्क

  1. सामान्य वर्ग: ₹500
  2. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), नि:शक्तजन: ₹250 (केवल मध्य प्रदेश के मूल निवासियों के लिए)
  3. एमपी ऑनलाइन पोर्टल शुल्क: ₹60 (सभी श्रेणियों के लिए अतिरिक्त)

भुगतान प्रक्रिया

शुल्क का भुगतान MP Online KIOSK, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है।

आवेदन शुल्क अप्रतिदेय (non-refundable) है।




चयन प्रक्रिया: लिखित परीक्षा और मेरिट के आधार पर चयन होगा।  


PEB (Professional Examination Board) प्रोफाइल बनाने के लिए आपको MPESB (Madhya Pradesh Employees Selection Board) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यहाँ प्रोफाइल पंजीकरण की प्रक्रिया दी गई है: 

 आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: MPESB वेबसाइट खोलें।

 उम्मीदवार प्रोफाइलिंग ऑप्शन चुनें: "Candidate Profiling" पर क्लिक करें। 

पंजीकरण फॉर्म भरें: मोबाइल नंबर और ईमेल दर्ज करें। ओटीपी सत्यापन करें। 

आधार ई-केवाईसी करें: आधार नंबर डालें और ओटीपी सत्यापन करें।

 व्यक्तिगत विवरण भरें: 10 maksheet नाम, जन्म तिथि, पता आदि दर्ज करें।

 फोटो, हस्ताक्षर और दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ सही आकार में अपलोड करें।

 प्रोफाइल सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।

कैसे आवेदन करें?

 MPESB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं 

उम्मीदवार प्रोफाइल पंजीकरण की प्रक्रिया रजिस्ट्रेशन करें और लॉगिन करें

 आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

 शुल्क भुगतान करें और आवेदन जमा करें। 


 PEB (Professional Examination Board) प्रोफाइल बनाने के बाद आवेदन करने की प्रक्रिया सामान्यत

निम्नलिखित चरणों में होती है:

 1. PEB पोर्टल पर लॉगिन करें 

  •  सबसे पहले, PEB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  •  अपनी प्रोफाइल को अपडेट करने के लिए या आवेदन करने के लिए, आपको पहले लॉगिन करना होगा।
  •  इसके लिए आपको अपनी पंजीकरण संख्या और पासवर्ड की आवश्यकता होगी।

 2. आवेदन पत्र भरें •

  •  लॉगिन करने के बाद, संबंधित परीक्षा का चयन करें (जैसे, मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा, व्यापम परीक्षा आदि)। •
  •  आवेदन पत्र के सभी खंडों को सही-सही भरें, जैसे: व्यक्तिगत जानकारी (नाम, पता, जन्म तिथि, इत्यादि) o
  •  शिक्षा विवरण o फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करें  परीक्षा केंद्र का चयन 

3. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें •

  • आवेदन पत्र में मांगे गए सभी दस्तावेज़ अपलोड करें। 
  • इसमें आमतौर पर शैक्षिक योग्यता, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), 
  • फोटो, हस्ताक्षर आदि शामिल होते हैं। 
4. आवेदन शुल्क भुगतान करें 
  • आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन तरीके से किया जाता है।
  •  आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, या अन्य उपलब्ध माध्यमों से शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।

 5. आवेदन की समीक्षा करें 

  •  आवेदन पत्र भरने के बाद, सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही है। 
  • अगर कोई गलती हो तो उसे ठीक करें। 
  • आवेदन को सबमिट करने से पहले एक बार पूरी तरह से जांच लें।

 6. आवेदन पत्र सबमिट करें

  •  • सभी जानकारी भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, आवेदन पत्र को सबमिट कर दें।
  •  इसके बाद आपको एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी, जो भविष्य में आपके लिए महत्वपूर्ण होगी।

 7. अधिकारिक सूचना और प्रवेश पत्र डाउनलोड करें 

  • • आवेदन करने के बाद, PEB की वेबसाइट पर जाएं और अपनी परीक्षा की तारीख, परीक्षा केंद्र, और प्रवेश पत्र से संबंधित सूचना प्राप्त करें।
  •  • प्रवेश पत्र डाउनलोड करें और परीक्षा केंद्र पर ले जाएं।

 8. साक्षात्कार/काउंसलिंग (यदि लागू हो) •

  •  कुछ परीक्षाओं के बाद साक्षात्कार या काउंसलिंग की प्रक्रिया होती है। यदि आपकी परीक्षा में यह चरण है, तो आपको निर्धारित तिथि पर उपस्थित होना होगा।
  1. परीक्षा स्वरूप:
    • परीक्षा MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न) आधारित होती है।
    • प्रश्न मुख्य रूप से नर्सिंग विषयों, सामान्य ज्ञान और तर्कशक्ति पर होते हैं।
    • परीक्षा का समय 90 से 120 मिनट हो सकता है, जो संस्थान पर निर्भर करता है।

The MPESB ANMTST Admit Card 2024 

  • has already been released on August 28, 2024
  • You can download it from the official Madhya Pradesh Employee Selection Board (MPESB) website: esb.mp.gov.in
  • The ANMTST exam is scheduled to take place on September 2, 2024.

To download your admit card:

  1. Visit the official MPESB website.
  2. Navigate to the Latest Update section.
  3. Click on the MP ANMTST Admit Card 2024 link.
  4. Enter your application number and date of birth.
  5. Download and print 2-3 copies for reference.

  1. परिणाम (Result) और काउंसलिंग:
  • परीक्षा परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर घोषित किया जाता है।
  • चयनित उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए बुलाया जाता है।
  • काउंसलिंग के दौरान कॉलेज और सीट आवंटन किया जाता है।


देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी

 

देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी

देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। यह मंदिर सेगांव में स्थित है और श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का केंद्र माना जाता है।

इतिहास और मान्यता

  • मान्यता है कि लगभग 100 वर्ष पूर्व बोराड़ नदी से देवी की पाषाण मूर्ति प्रकट हुई थी।
  • एक आदिवासी ओझा को स्वप्न में देवी ने दर्शन दिए और मूर्ति को नीम के पेड़ के नीचे स्थापित करने के लिए कहा।
  • मंदिर में तुलादान का विशेष महत्व है, जिसमें श्रद्धालु गुड़ से तुलादान करते हैं।


विशेष आयोजन

  • नवरात्रि के दौरान विशेष पूजन और शतचंडी हवन का आयोजन होता है।

  • दशहरे के दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
  • मंदिर परिसर में माघ माह में चार सप्ताह तक हाट का आयोजन भी होता है।





खरगोन से मात्र 32 किमी. की दूरी पर स्थित सेगांव में प्रसिद्व देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी का ऐतिहासिक स्थान। 

देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी का इतिहास माताजी का उद्गमन - तात्कालिन होलकर राज्य, सेगांव तहसील के सेगांव में देवी श्रीलालबाई फूलबाई माताजी के उद्भव की प्राचीन जानकारी के अनुसार लगभग 100 वर्ष पूर्व सेगांव में बहने वाली बोराड़ नदी से माताजी की पाषाण मूर्ति प्रकट हुई है। जानकारी के अनुसार सेगांव के नजदीक बोबलवाड़ी (देवझिरी) के आदिवासी ग्राम के निवासी भिलाला जाति के बड़वा दाजी प्रति मंगलवार नदी में अर्जुन वृक्ष के पास स्नान कर वहाॅ अपनी ध्यान आराधना करते थे। उन्हें स्वपन में देवी ने बतलाया की जहाॅ तुम स्थान करते हो उसकी रेत हटाकर मुझे वहाॅ स्थित नीम की छाॅव में स्थापित करो। उस त्यागी वृति के साधक आदिवासी ने स्वपन मे देवी के बताये अनुसार पाषाण मुर्ति सहयोगियों की मदद तत्काल नदी के पष्चिम किनारे पर नीम वृक्ष के सहारे स्थापित की है। प्रति मंगलवार देवीजी की मूर्ति के यहाॅ पर साधक (बड़वा दाजी) आकर पूजा आराधना करने लगे। ग्रामवासियों द्वारा भी मनोकामनाओं के लिये देवी जी के स्थान पर जाने लगे। ग्रामवासियों एवं अन्य पास के श्रद्वालु देवीजी के सामने नदी में स्नान करना एवं मंदिर में पूजा आराधना करने से उनकी मनोकामना की पूर्णता होने से माताजी की महिमा का विस्तार होने लगा।


माताजी का निर्माण - श्रद्वालुआंे की भक्ति एवं आने वालों की संख्या में वृद्वि होने पर सेगांव के तात्कालिन प्रतिष्टित नागरिक एवं ग्रामवासियों के सहयोग से नीम वृक्ष के चारो ओर पत्थर का पक्का चबूतरा 24 फूट बाय 24 फूट का निर्माण कर माताजी की मूर्ति व उनकी बहिन फुलबाई की पाषाण मूर्ति वृक्ष के तने के सहारे स्थापित की गई। श्री मंगतू महाराज पूजारी के समय से ही उत्तर में षिव मंदिर का निर्माण संवत् 2007 में ही प्रांरभ हुआ। षिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 28.07.56 को श्री पद्मसिंहजी मण्डलोई द्वारा कराई गई थी। पंडित/पूजा - माताजी प्रतिदिन सुबह शाम आरती एवं पूजा करने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्रामवासियों में केषवपुरा के परिक्रमावासी साधु पूज्य श्री मंगतूजी महाराज को लाकर रखा गया।


श्री मंगतू महाराज पुजारी के अषक्त होने 1962 में श्री गप्पूजी घुसाईजी को उनकी सहरसता हेतु रखा गया। श्री मंगतू महाराज पूजारी का निधन वर्ष 1988 में होने पर श्री बंषीधर जी शर्मा को ग्रामवासियों की राय से श्रीकृष्ण जन्माष्टमि पर्व पर 03.09.88 को नियुक्त किया गया है।


पूजा - देवीश्री लालबाई फूलबाई माताजी के परिसर में समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से देवी श्री दुर्गादेवी शप्तषती का पाठ एवं शत्चण्डी का हवन 01.05.1970 से 05.05.1970 को पूर्णाहुति एवं भण्डारा (चैरासी पंगत) का आयोजन किया था। देवी पाठ एवं यज्ञ के आचार्य श्री गंजानंदजी शास्त्री शहादावासी थे। देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी की महिमा दिनोदिन बढने लगी। दूर दराज के ग्रामों से श्रद्वालुओं का आने का क्रम बढता गया। मनोकामनाओं की पूर्ति होने पर मानताओं को उतारने के लिये एवं मनोकामनाओं के लिये श्रद्वालु माद्य माष के शुक्ल पक्ष एवं वैषाख माष के शुक्ल पक्ष में विषेष रुप से आते हैं। वर्ष 1992 से देवी श्री लालबाई फूलबाई माताजी मंदिर से निरन्तर नवरात्रि पर श्री दुर्गादेवी का सप्तषती पाठ एवं शत्चण्डी हवन एवं 1994 से भण्डारा भोज का आयोजन दषहरे के दिन होता रहता है एवं सन् 2011 में सेगांव कमेटी के द्वारा यहाॅ पर सहस़्त्रचण्डी यज्ञ हुआ।

प्रसाद का महत्व - यहाॅ का प्रसाद मंदिर मे ही खाया जाता है



माता की महिमा - माॅ शब्द आते ही त्यागमयी, ममतामयी, उदारमयी माता की झलक सामने आ जाती है। लेकिन जो प्रतिदिन माॅ की चैखट से अपने दिन की शुरुआत करते है वो कहते है कि माॅ दिन मे तीन रुप बदलती है जिसके दर्षन हमनें किए है। समय परिवर्तनषील है समयानुसार परिवर्तन की लहर श्रद्वालुओं में फैलती गई श्रद्वालुओं में जाग्रति उत्पन्न हुई, देवी की कृपा से भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।

 श्रद्वालुओं में आस्था बढ़ी, आस्था यहा तक बढ़ी की वर्तमान मे गौषाला निर्माण, सामुदायिक भवन, पक्के घाटो का निर्माण, धर्मप्रेमी जनता को देवी के दरबार में आने-जाने की सुगमता हो गई। लालबाई फूलबाई माताजी का मंुह पूर्व दिषा में है। प्रातः कालीन सुर्य की किरणे मां के चरणों को स्पर्ष करती है। देवी की महिमा है कि देवी के यहां स्नान करने पर सारे रोग दूर हो जाते है। देवी श्री लालबाई फूलबाई के बारे में सुविख्यात है कि तीनों पहरों में अपने रुप बदलती है, सुबह बाल्यावस्था, दोपहर प्रोढ़ावस्था एवं शाम को युवा अवस्था में दिखती है। मंगलवार के दिन माॅ का विषेष श्रृंगार किया जाता है। सुबह, शाम आरती होती है देवी के दर्षनों के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण दूस दराज से आते है। मंदिर परिसर के दाहिनी और माॅ गायत्री का मंदिर, बाई और भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। चारों और छाई हरियाली श्रद्वालुआंे को बरबस ही अपनी और आर्कषित करती है। माॅ के मंदिर श्रद्वा और भक्ति कि साथ मांगी गई मनोकामना अवष्य पूर्ण होती है। भक्त मंदिर मे आकर मत्रत उतारते है। शादी, मत्रत, पिकनिक तथा पार्टियां मांगलिक कार्याे हेतु सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है। देवी के मंदिर मंें वर्ष भर कई विभित्र धार्मिक आयोजन होते रहते है। नवरात्री पर अष्टमी, नवमी के दिन हवन-पूजन के पष्चात् प्रसादी का वितरण किया जाता है। दषमी के दिन कन्या भोज व दषहरे पर विषाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है। इस दौरान खिचड़ी व चाय की निःषुल्क व्यवस्था ग्रामीणों व दान दाताओं की मदद से कि जाती है। भंडारे का कार्यक्रम विगत कई वर्षो से अनवरत जारी है। 

भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाली लालबाई फूलबाई की कृपा से श्रद्वालुओं पर बनी रहे। मंदिर में सच्चे दिल से जो मांगो वह मनोकामना पूर्ण होती है। देवी की कृपा सभी भक्तों पर बरसती रहे।

 

25 May, 2025

ई-प्रवेश पोर्टल स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया

                ई-प्रवेश पोर्टल

-प्रवेश मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल है, जो राज्य के सरकारी और निजी कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया को सरल बनाता है। इस पोर्टल के माध्यम से छात्र पंजीकरण कर सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं, योग्यता देख सकते हैं और अपने प्रवेश की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।

ई-प्रवेश पोर्टल की मुख्य विशेषताएँ:

ऑनलाइन आवेदन: छात्र घर बैठे प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

कॉलेज और पाठ्यक्रम चयन: एक ही पोर्टल पर विभिन्न कॉलेजों और पाठ्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध है।

दस्तावेज़ सत्यापन: आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड और सत्यापित किया जाता है।

परामर्श प्रक्रिया: सीट आवंटन और प्रवेश नियमों का पालन करके दाखिले की प्रक्रिया संपन्न होती है।

  • ऑनलाइन आवेदन
  • पंजीकरण प्रारंभ: 15 मई 2025
  • पंजीकरण की अंतिम तिथि: 30 मई 2025
  • दस्तावेज़ सत्यापन: 16 मई 2025 से 31 मई 2025
  • पहले चरण की सीट आवंटन सूची जारी: 5 जून 2025
  • प्रवेश शुल्क भुगतान: 5 जून 2025 से 12 जून 2025

 


ई-प्रवेश पंजीकरण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:

आवश्यक दस्तावेज़:

  1. 10वीं और 12वीं की मार्कशीट
  2. माइग्रेशन प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
  3. चरित्र प्रमाणपत्र
  4. जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
  5. निवास प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
  6. पासपोर्ट साइज फोटो
  7. अपर आईडी

ई-प्रवेश पोर्टल पर आवेदन करने की प्रक्रिया:

1.    पोर्टल पर जाएं:

o    सबसे पहले ई-प्रवेश पोर्टल (उदाहरण के लिए MP ई-प्रवेश पोर्टल) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

2.    पंजीकरण करें (Registration):

o    यदि आप नए उपयोगकर्ता हैं, तो "नया पंजीकरण" (New Registration) पर क्लिक करें।

o    मांगी गई जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, जन्मतिथि आदि भरें और ओटीपी वेरीफिकेशन करें।

3.    लॉगिन करें:

o    पंजीकरण के बाद आपको एक यूजरनेम और पासवर्ड मिलेगा। उसका उपयोग करके पोर्टल में लॉगिन करें।

4.   कोर्स/कॉलेज चुनें:

o    लॉगिन करने के बाद, जिस कोर्स (जैसे बीए, बीएससी, बीकॉम आदि) में प्रवेश लेना है, उसे चुनें।

o    अपनी पसंद के कॉलेज/संस्थान का चयन करें।

5.    ऑनलाइन फॉर्म भरें:

o    सभी आवश्यक जानकारी जैसे शैक्षणिक योग्यता, व्यक्तिगत विवरण, फोटो, हस्ताक्षर आदि अपलोड करें।

6.   दस्तावेज़ अपलोड करें:

o    मार्कशीट, पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), निवास प्रमाण पत्र आदि अपलोड करें।

7.    शुल्क भुगतान करें:

o    आवेदन शुल्क का भुगतान नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या UPI के माध्यम से करें।

8.   फॉर्म जमा करें और प्रिंट लें:

o    सभी जानकारी की पुष्टि करने के बाद "सबमिट" करें।

o    आवेदन पत्र का प्रिंटआउट सुरक्षित रखें।


ℹ️ महत्वपूर्ण सुझाव:

  1. आवेदन करने की अंतिम तिथि की जानकारी पहले ही देख लें।
  2. दस्तावेज़ स्कैन करते समय स्पष्टता बनाए रखें।
  3. भविष्य के लिए रसीद और आवेदन संख्या को सुरक्षित रखें


कॉलेजों के लिए निर्देश:

-> सबसे पहले यहां लॉगिन करने के लिए, अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त यूज़रनेम और पासवर्ड दर्ज करके लॉगिन करना होगा।

->
लॉगिन करने के बाद,
स्टेप-1 में दी गई जानकारी जैसे कॉलेज की जानकारी, प्रिंसिपल की जानकारी, नोडल अधिकारी की जानकारी, हॉस्टल की जानकारी और कॉलेज के बैंक की जानकारी भरनी होगी।

->
स्टेप-2 में ब्रांच की जानकारी, उसकी इंटेक क्षमता और श्रेणीवार (कैटेगरी वाइज) शुल्क की जानकारी भरनी होगी।

->
स्टेप-3 : स्टेप-2 में जोड़ी गई डिग्री या उस डिग्री की ब्रांच की स्कॉलरशिप फीस को वर्ष अनुसार सेट करनी होगी।